Home Editorial बौद्धिक आतंकवाद : शोषित का विद्रोह – ईंटोलरंस और हिंसा

बौद्धिक आतंकवाद : शोषित का विद्रोह – ईंटोलरंस और हिंसा

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यहाँ हल नहीं, समस्या पैदा की जाती है | – अनुपम जौली

 विद्या ददाति विनयम विनयाद याति पात्रताम | अर्थात विद्या से विनय – विनय से पात्रता / योग्यता प्राप्त होती है।पर आज का शिक्षित वर्ग एक उच्च आदर्श के ढोंग खुद के फायदे के लिए जी रहा है ।  समाज में समय समय पर उनके ये सन्देश दर्शाते है की उनकी एक सभ्य जिंदगी है, जिसमे बड़े अपराध उनकी उच्च जिंदगी का हिस्सा है। उनके खाने के दांत और दिखाने के दांत अलग है। वो समाज को अपने बौद्धिक आतंकवाद से चलाना चाहते है ।  इस वर्ग में पत्रकार, लेखक, फ़िल्मकार, चित्रकार, नेता व प्रोफ़ेसर बहुतायत में  मिलते है। समाज में इन्हें बौद्धिक वर्ग से नवाजा जाता है । अपनी जिम्मेदारी से अलग  समाज को बेहतर बनाने की जगह अपनी मानसिक गन्दगी को विचारों की अभिव्यक्ति से परोसा जाता है ।

प्रत्युत्तर में जब कोई सामान्यजन भी अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करता है तो वह इन्टॉलरेन्स कहलाता है। समाज में उसे हिंसक व नकारात्मक रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

बीफ खाने वाले, महंगे चमड़े के पर्स व कपडे पहनने वाले, पशु प्रेम का सन्देश दे रहे है। अपनी फैक्टरी के लिए सभी नियमों को ताक में रखने वाले पर्यावरण पर सेमीनार आयोजित कर रहे है ।

परिवार और घर में समर्द्ध जिंदगी जीने वाले नेता घर से निकलते वक्त टूटी चप्पले, छेद वाला स्वेटर और मफलर पहनकर निकलते है । दो नंबर की जिंदगी जीने वाले पत्रकार अपने उच्च आदर्श के मापदंड चैंनलों पर दिखाकर अपनी महानता का परचम लहरा रहे होते है।

इनके बड़े बड़े बौद्धिक सेमिनारो में सामाजिक समस्यों के, किसी भी प्रकार का हल नहीं निकलता, उल्टे एक भ्रम की स्थिति का निर्माण जरुर हो जाता है। जिसे कह सकते है की अँधा अँधा ठेलिया, दोनों कूप पडंत। नकारात्मक चीजो में लोगों के लगाव को बड़ी आसानी से भुनाया जाता है।

किसी समय युगद्रष्टा स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था मुझे 100 कर्मठ युवक युवतियां मिल जाये तो मै भारत की काया पलट कर दूंगा। आज अगर स्वामी विवेकानंद होते तो उनके इस वक्तव्य को हिंसात्मक गतिविधि करार कर दिया जाता।

भारत सोने की चिडिया था या नहीं, पता नहीं, पर आज की स्थिति में लगता नहीं है की समाज का एक बड़ा वर्ग कभी इस देश को उस स्थिति में पहुचने देगा।

इस देश को तीन मुख्य समस्यायों से निजात मिल जाये तो ये आज भी सोने की चिड़िया बन सकता है और इस देश की तीन मुख्य समस्याए है: जनसंख्या, गरीबी और बौद्धिक आतंकवाद।

Source : Astrologyrays.com

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