PoetryUncategorized चित्र लेखन By - July 29, 2020 0 Share FacebookTwitterPinterestWhatsAppLinkedinEmailTumblrTelegramLINEViber धान पान सी नार नवेली चली अकेली पनिया भरन को या मिलने सजन को सूनी डगरिया भरी गगरिया चला न जाये बरसे मेघा पांव में कांटा चुभ चुभ जाये भीगी चुनरिया बरसी बदरिया पिया न आये शशि पाठक