विचारणीय तथ्य
कहते हैं सिनेमा समाज का दर्पण होता है ।किन्तु आज के युग में समाज सिनेमा का दर्पण बनता जा रहा है ।आज की युवा पीढ़ी सुभाष चन्द्र और विवेकानन्द को छोड़ शाहरूख और सलमान को अपना आदर्श मानने लगी है ।इन्हीं का अनुसरण करने की कोशिश करती है ।कई जगह तो हम सुनते हैं अमिताभ और राजेश खन्ना के मन्दिर बन गये हैं जहां उन की पूजा और उन के जनमदिन मनाये जाते हैं ।ऐसे में इन सिने नायकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी छवि से दर्शकों पर कोई गलत प्रभाव न डालें ।वर्तमान परिस्थिती इतनी शोचनीय है कि मुझे नहीं लगता नेता या अभिनेता कोई भी अपने कर्तव्य के प्रति सजग है ।जरूरत से ज्यादा कुछ भी हो वह पतन का कारण बनता है ।हमारे नेतायों ने जो विपुल धन एकत्र किया है असंवैधानिक तरीकों से वही उन के बच्चों के सिर चढ कर बोल रहा है ।यही हाल अभिनेतायों का है ।करोड़ों रूपये जो जमा कर लिये उस का क्या करें ।खानी तो वही दो रोटी है ।उस धन का उपयोग वे नशे के लिये करते हैं ।आजकल जो फिल्म उद्योग के खुलासे हो रहे हैं वो बेहद डरावने हैं । बड़े छोटे सभी इस नशे के कारोबार में लिप्त हैं अभिनेता अभिनेत्रियां और उन के बच्चे सभी शामिल हैं कौन किसको रोके ।
इस हमाम में सभी नंगे हैं ।हमारे बच्चे यह देख कर क्या सीखें गे ।उन्हें भी यह जीवन शैली खूब भा रही है ।अक्सर ही सुनने में आता है कि स्कूल कालेज के बाहर यह ज़हर बच्चों को बेचा जाता है ।आदत पड़ जाने पर वे इसके बिना रह नहीं पाते और यह लेने के लिये बड़े से बड़ा जुर्म करने से नहीं हिचकिचाते ।इसी के चलते पंजाब के युवक जिनकी बहादुरी की मिसालें दी जाती थी आज नशे में धुत्त पड़ा रहता है ।सोने सी धरती बंजर हो रही है ।गांवों के गांव उजड़ गये कोई सभांलने वाला नहीं है ।मेरे विचार में आज अभिभावकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है ।उन्हें बहुत जागरूक रहना होगा ।उन्हें अपने बच्चों पर कड़ी निगाह रखनी होगी ।समय समय पर उन के दोस्तों व उन के माता पिता के संपर्क में रहना चाहिये ताकि बच्चे कहां किससे मिल रहे हैं क्या कर रहे हैं इसकी उन्हें जानकारी रहे ।बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं उन्हेंसुरक्षित रखना व हर बुराई से बचाना हमारा कर्तव्य है । जयहिंद ।
शशि पाठक