संवाददाता इंडिया आस्किंग । मेडिकल एजुकेशन के प्रति स्टूडेंट्स में हमेशा से उत्सुकता रही है। कोरोना के पश्चात इस प्रोफेशन में एकाएक वृद्धि हुई है। छात्र भारत में एमबीबीएस के अलावा विदेशों की ओर बेहतर मेडिकल एजुकेशन के लिए रुख कर रहे हैं। छात्रों को मेडिकल एजुकेशन में एडमिशन के प्रति अवेयरनेस और जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए कजाख नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से रविवार को गोपालपुरा बायपास स्थित होलीडे इन होटल में सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के आयोजक दिनेश आसोपा ने बताया कि सेमिनार के इस भाग में विदेश में मेडिकल एजुकेशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यकताओं के विस्तार से समझाया गया। यहां यूनिवर्सिटी के डीन और वॉइस रेक्टर ने विदेश में चिकित्सा का ध्यान करने के लाभों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान नूर्जमाल डी. जे.डीन कजाख नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, उबायदुल्लो डी. एम. वॉइस रेक्टर कजाख नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, पीएसपी एजुकेशन के डायरेक्टर संजय चौधरी और सीनियर मैनेजर मोहित पुरी ने स्टूडेंट्स को टिप्स दिए। सेमिनार में उपस्थित स्टूडेंट्स ने विविध स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों का अनुभव करने के लाभों, स्वास्थ्य और उपचारों के वैकल्पिक तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा विदेश में अंग्रेजी में चिकित्सा अध्ययन करने के फायदों पर प्रकाश डाला गया और एनएमसी के दिशा निर्देशों के बारें में बताया गया। यह पूरे भारत के इच्छुक डॉक्टर और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए एक आकर्षक विकल्प रहा। उपस्थित लोगों को आवश्यक दस्तावेजों को आवेदन प्रक्रिया में शामिल चरणों के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई।