जयपुर संवाददाता इंडिया आस्किंग । सनातन धर्म में “राम” नाम की महिमा किसी को समझाने की जरूरत नहीं है, हम सबके मन मे बसता है यह राम नाम। हम “राम” का जितना आदर और सम्मान करतें हैं, उतना किसी अन्य का नहीं करते। हमारे मन की इन्ही संवेदनाओं और भावनाओं को उद्वेग में बदल कर इसका सदियों से राजनीतिकरण होता रहा है। हमारे देश मे तो चुनाव भी राम के नाम पर लड़े जाते हैं। यह विचार प्रकट हुए राम और धर्म की राजनीति का सरोकार विषय पर शनिवार को गोपालपुरा बाईपास स्थित होटल ग्रैंड सफारी में आयोजित टुगेदर वी थ्राइव लाइव टॉक शो में। कार्यक्रम में हाथोज धाम के महाराज बालमुकुंदाचार्य, पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, जनसंपर्क राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त निदेशक गोविंद पारीक, ज्योतिष एवं रमल शास्त्री आचार्य अनुपम जोली, गोपालपुरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष पवन गोयल और आचार्या हिमानी शास्त्री ने धर्म और राजनीति पर कटाक्ष किया।हिमानी शास्त्री ने कहा कि एक विकसित समाज मे तर्क हींन और तुच्छ बातों के लिए कोई स्थान नही होना चाहिए लेकिन सामाजिक रूप से कहें या टेक्नोलॉजी के बारे में बात करें, मानव समाज चाहें कितना ही आगे क्यों न बढ़ गया हो, लेकिन पूरे विश्व मे धर्म और जाति के नाम पर हमें आज भी क्रोधित करना या फिर किसी बड़ी घटना के लिए उकसाना बहुत ही आसान है।
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट
आज विडम्बना यह है कि कोई नेता बने या अभिनेता या फिर कोई भी बड़ी धार्मिक घटना घटित होती है। इसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ता है। एक फिल्म चलाने या उसे फ्लॉप करने के लिए भी बड़ी चतुराई से “राम” नाम का छल आम जनता को परोस दिया जाता है। भोली- भाली जनता यह समझ नही पाती कि क्यों हर बार “राम” नाम की राजनीति करके उनका लाभ उठाया जा रहा है। भजन सत्संगों में कहा जाता है कि राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट। लोगों ने इस वाक्य का गलत मतलब निकाला और राम नाम का अनुचित प्रयोग करने लगे। समाज में पड़े लिखे लोगों को आगे आना होगा, समझना और समझाना होगा कि अब आप इन नेताओं और अभिनेताओं के कुचक्र से बाहर आएं और अपनी जिंदगी बर्बाद ना करें।