उत्तरी भाग का सबसे सुंदर भूखंड हिमाचल प्रदेश जहां की हरियाली दिल को छू लेती हैं। उस भूखंड पर बीजेपी ने भगवा ध्वज फहराया। अपना प्रभुत्व जमाने मे कामयाब बी जे पी कांग्रेस को पछाड़ दी। क्षेत्रफल की दृष्टि से 55 673 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ यह क्षेत्र सुंदर वादियों से घिरा है। इसकी मनोरम प्रकृति मन को मोह लेती है। यह राज्य आबादी की दृष्टि से 68 64 602 है।
आपको ज्ञात होगा कि मई 24 को लोकसभा चुनाव का मतगणना हुई थी जिसमें हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें बीजेपी के नाम से दर्ज हुई। कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खु के बीच मतभेद हुआ। कांग्रेस की असफलता के कारण आरोप प्रत्यारोप लगाया। वीरभद्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरेआम सुक्खु को बेहतर परिणाम के लिए पार्टी से बाहर करना चाहिए। इस पर मुद्दा काफी गर्म हो गया। वीरभद्र ने चुनाव परिणाम के बाद कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है हमें परिणामों से सीख लेनी चाहिए। मीडिया से कॉन्फ्रेंस करते हुए बोले कि कुछ न कुछ पार्टी के भीतर चल रहा है अच्छे लोगों को शामिल करना चाहिए जिसे पार्टी बुलंद और मजबूत हो। इससे पहले कांग्रेस ने कुलदीप सिंह ठाकुर को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। बीजेपी की बढ़ती कामयाबी ने हिमाचल प्रदेश पर भी अपना रुतबा जमाया। हमीरपुर में बीजेपी के अनुराग ठाकुर आगे बढत मे रहे हैं। शिमला, मंडी व कांगड़ा की सीटों में भी बीजेपी की बढ़त देखने को मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव से भी अच्छा प्रदर्शन परिणाम बीजेपी के इस वर्ष के चुनाव में नजर आए। शिमला की वादियों से उत्तर भारत की गूंज और बीजेपी की सूझ। बीजेपी हमीरपुर लोकसभा सीट में चौथी बार उतरे अनुराग ठाकुर शान दार बहुमत से जीते। रामस्वरूप शर्मा मंडी से चुनाव लड़ अपनी सफलता दर्ज की। कांगड़ा से किशन कपूर में भारी मतों से जीत हासिल की। एग्जिट पोल के नतीजे से यह बढ़त का पता चलता है कि बीजेपी ने अपना प्रभुत्व हिमाचल प्रदेश में बना लिया है। कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं मिली है। अनुराग ठाकुर 66 88 12 वोटो से लक्ष्य को हासिल किया। जबकि कांगड़ा से किशन कपूर 71 2133, मंडी से रामस्वरूप शर्मा 63 84 41और सुरेश कश्यप 601306 के भारी मतों से बहुमत प्राप्त किया। शिमला के कुमार सुरेश कुमार कश्यप कीर्तिमान नेता रहे है। चंबा कांगड़ा के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी के नेता किशन कपूर के विरोध कांग्रेस के पवन काजल से टक्कर ली जिन्हें पिछड़ी जनजातियों के लोकप्रिय नेता माना जाता है। उस प्रतिभावान को पछाड़ अपनी जीत का नाम दर्ज करवाई । जैसा कि हम जानते हैं कि रामस्वरूप जी को जमीनी नेता कहा जाता है उन्होंने भी सफलता के आंकड़े बीजेपी के नाम दर्ज करवाएं।