सरकार ने ऐलान किया कि अगले हफ्ते से कोविड वैक्सीन का टीकाकरण अभियान पूरे देश में एक साथ शुरू हो जाएगा। पहले चरण में कम से कम तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज देने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही तीन करोड़ लोगों का डेटा अपलोड कर दिया है और इन्हें सबसे पहले टीका दिया जाएगा।
देश भर में 4 क्षेत्रीय वैक्सीन डिपो – करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता – में बनाये गये हैं जहां सबसे पहले विमानों से वैक्सीन पहुंचायी जाएगी और इसके बाद रेफ्रिजरेटेड वैन के जरिए 37 राज्यों में बने वैक्सीन स्टोर्स तक ले जाया जाएगा। इसके बाद वैक्सीन को जिला टीकाकरण केंद्रों को भेजा जाएगा और फिर वहां से इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों में पहुंचाया जाएगा, जहां पर लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। इनके अलावा सार्वजनिक, निजी अस्पतालों और क्लीनिक्स में भी टीका लगाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में 29,000 कोल्ड चेन पॉइंट होंगे
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और परोपकारी अरबपति बिल गेट्स ने कोविड टीकाकरण अभियान में भारतीय नेतृत्व की सराहना की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘जिस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से निपटने की कोशिशें कर रही है, उस दौरान वैज्ञानिक आविष्कार और वैक्सीन उत्पादन क्षमता में भारत के नेतृत्व को देखकर मुझे खुशी महसूस होती है।’ गेट्स ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को टैग किया।
इन सबके बावजूद भारत में अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो मंजूर किए गए दोनों टीकों पर सवाल उठा रहे हैं। वे लोग जनता के मन मे डर पैदा करने के लिए अफवाहों का सहारा ले रहे हैं।
पूर्वोत्तर चीन के शेनयांग में, जहां महामारी फैल चुकी है, स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है, और पर्यटकों से कहा गया है कि वे राजधानी बीजिंग जाने से बचें। शेनयांग में कोरोना वायरस का टेस्ट कराने के लिए मेडिकल सेंटर्स के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। लोगों को शहर से भागने से रोकने के लिए कटीले तारों से शहर की बैरिकेडिंग कर दी गई है। केवल उन्ही लोगों को बाहर जाने की इजाजत दी जा रही है जिनके पास कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट है। चीन के एक अन्य शहर डालियान में इमारतों को सील कर दिया गया है और लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है।
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। भारत में अब तक कोरोना के नए यूके स्ट्रेन के 58 मामले सामने आए हैं, जबकि कई यात्री यूके और यूरोप से लौटने के बाद गायब हो चुके हैं। नया यूके स्ट्रेन कुछ सेकंड्स के भीतर ही तेजी से फैलता है, जबकि शुरआती कोरोना वायरस को फैलने में 30 मिनट तक का वक्त लगता था।
जहां तक कोरोना वायरस के दो टीकों को लेकर पैदा हुए विवाद का सवाल है, तो इस पर अब विराम लग जाना चाहिए क्योंकि दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि ‘भारत और दुनिया के लोगों के जीवन और आजीविका को बचाना ही हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण काम है।’
आपको यह जानकर खुशी होगी कि इस समय अकेले भारत में ही दुनिया भर में विकसित कोविड के नौ टीकों का उत्पादन हो रहा है। हर भारतीय के लिए ये गर्व का विषय है कि दुनिया की आधी आबादी को जो वैक्सीन लगाई जाएगी उस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा। यह भारत के औषधि उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसके बाद भी हमारे देश के कुछ लोग वैक्सीन को लेकर नरेंद्र मोदी को कोस रहे हैं। वे अभी भी हमारी स्वदेशी वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं, ये लोग वैक्सीन को लेकर लोगों को डरा रहे हैं, जो कि ठीक नहीं है। ऐसे लोग देश के साथ, देश के वैज्ञानिकों से साथ, और देश के डॉक्टरों के साथ अन्याय कर रहे हैं।
भारत में 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्राति का त्योहार मनाया जाएगा। उस समय सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करेगा और तब तक भारत में करोड़ों देशवासियों की जान बचाने के लक्ष्य को आगे रख कर देशव्यापी अभियान शुरू हो चुका होगा।
हमें यह मान कर चलना चाहिए कि जब तक सभी भारतीयों को वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लग जाते, तब तक कोरोना का खतरा बना रहेगा। इसके लिए कम से कम 120 करोड़ डोज की जरूरत होगी। अभी हालत ये है कि देश में कोविशील्ड की 5 करोड़ डोज बन चुकी हैं, और कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज का प्रोडक्शन हो चुका है। इस तरह देखा जाए तो 60 करोड़ लोगों को टीका लगाने का काम कम से कम डेढ़ साल में पूरा हो पाएगा। तब तक हम सब सावधानी बरतें, तथा कोविड नियमों और सोशल डिस्टैंसिंग का सख्ती से पालन करें – Source : INDIA TV