सावन का महीना , भोलेनाथ की कृपा पाने का विशेष माह।भोलेनाथ की आराधना और गुणगान कर हम भी कृपा के पात्र बन जाये।
कविता— भक्तों के बाबा हितकारी
हे नीलकंठ ! अंग अंग भुजंग ,
सजे शीश चन्द्र,संग में है गंग।
नंदी के साथ कैलाश नाथ –
हुए मस्त मगन, भक्तों के संग।
हे आशुतोष, औघड़ , शंकर,
जब करो नृत्य जग हो थरथर।
विषपान किया संतन हित में,
भये नीलकंठ प्रफुल्ल जगभर।
मेरा रोम रोम जपे ओंकार,
नव जीवक नभ को हैं निहार।
धर प्रचंड रूप करते अट्टास,
बन महाकाल, प्रलय के प्रकार।
हे महादेव ! हे त्रिपुरारी !
बम बम भोले जग हितकारी।
डम डम डम डमरू बजा रहे,
भक्तों के बाबा भयहारी।
कैसे सूना पड़ा तेरा दरबार,
नंदी पर होके आओ सवार।
दुःख दूर करो, हों सब निहाल,
भक्तों की सुन लो करुण पुकार।।
सलोनी क्षितिज रस्तोगी
जयपुर (राजस्थान)