देहरादून में सुप्रसिद्ध दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला, ग्राफ़िक-इरा विश्वविद्यालय एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय ज्योतिष महाकुम्भ का सफल आयोजन 31 मार्च से 2 अप्रैल 2018 को हुआ l ज्योतिष महाकुम्भ में देशभर के करीब २०० ज्योतिषियों ने हिस्सा लिया l प्रथम दिवस ज्योतिषियों के शोध पत्रों का वाचन हुआ l महाकुम्भ के द्वितीय दिवस पर जनता की समस्याओं का ज्योतिषियों के द्वारा ज्योतिष की विभिन्न पद्धतियों द्वारा निशुल्क समाधान किया गया l महाकुम्भ के अंतिम दिन योग्य ज्योतिषियों को उनके ज्योतिष के क्षेत्र में किये उल्लेखनीय कार्यों के लिए विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया गया l
आचार्य अनुपम जौली को ज्योतिष में लुप्त प्राय: विद्या रमल ज्योतिष पर किये शोध पर “ज्योतिष विभूषण” अलंकरण से सम्मानित किया गया l इस अवसर पर उनकी पुस्तक रमल विद्या का विमोचन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कबिनेट मंत्री मदन कौशिक, राज्य मंत्री रेखा आर्य, पंडित के ए दुबे पद्मेश द्वारा किया गया l
इस अवसर पर आचार्य अनुपम जौली ने बताया की रमल विद्या ज्योतिष की अति प्राचीन विद्या है, उनके अनुसार विश्व में किसी भी सभ्यता में रमल विद्या, ज्योतिष में सर्व प्रथम अविष्कृत हुई होगी l ग्रंथों के अनुसार इस विद्या का उद्गम स्वयं भगवान शिव के द्वारा हुआ था l
ज्योतिष महाकुम्भ के अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि महाराज ने जीवन में पेड़ पौधों के महत्व को ज्योतिष और वास्तु से जोड़कर समाज में परिवर्तन लाने की अपील की l
Source : Astrologyrays.com